वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />२४ नवम्बर, २०१३<br />अद्वैत बोधस्थल, नोएडा<br /><br />दोहा:<br />गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय।<br />बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय।।<br />~ गुरु कबीर<br /><br />प्रसंग:<br />गुरु से प्रेम कैसा?<br />यह प्रेम जीवन और मरण से मुक्त कैसे?<br />क्या गुरु के प्रति ही वास्तविक प्रेम हो सकता है?<br />क्या गुरु से प्रेम होना संभव है?<br />क्या गुरु ही सच्चा प्रेमी है?<br />क्या गुरु परम तक पहुँचने की सीढ़ी है?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते